मुंबई हादसे पर राज ठाकरे ने सरकार को दी चुनौती, कहा- चला कर दिखाओ बुलेट ट्रेन

राज ठाकरे
राज ठाकरे

आनंदप्रकाश शर्मा | NavprabhatTimes.com

महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) प्रमुख राज ठाकरे ने मुंबई हादसे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि इतना झूठ बोलने वाला प्रधानमंत्री आज तक नहीं देखा. रेलवे स्टेशन का नाम बदलने से कुछ नहीं होगा. मोदी गुजरात में बुलेट ट्रेन बनवाएं. मुंबई में बुलेट ट्रेन की एक ईंट नहीं रखने देंगे.

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राज ठाकरे ने कहा, नरेंद्र मोदी झूठ बोलकर ही सत्ता में आए. सुरेश प्रभु अच्छा काम कर रहे थे, लेकिन इन लोगों की गलतियों की वजह से उन्हें निकाला गया. शिवसेना पर निशाना साधते हुए कहा, वह सरकार में बैठकर क्या कर रही है. अगर बीजेपी काम करने नहीं दे रही है तो वह सरकार से बाहर क्यों नहीं चली जा रही?

राज ठाकरे बोले, आतंकवादियों की जरूरत नहीं, रेलवे ही लोगों को मारने के लिए काफी

उन्होंने कहा कि मुंबई लोकल से जुड़े मुद्दों की लिस्ट रेलवे को 5 अक्टूबर को दी जाएगी और इसकी समय सीमा भी बताई जाएगी. उन्होंने सरकार पर तीखा प्रहार करते हुए कहा कि दुश्मनी के लिए हमें आतंकियों और पाकिस्तान की क्या जरूरत जब हमारी रेलवे ही लोगों की जान लेने के लिए काफी है.

राज ठाकरे ने एक बार फिर बाहरी लोगों पर साधा निशाना 

राज ने एक बार फिर बाहरी लोगों पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा, जब तक बाहरी लोगों को रोका नहीं जाएगा, ऐसे हादसे होते रहेंगे. इस शहर में चलने के लिए जगह नहीं है. किरीट सोमैय्या विपक्ष में रहते वक्त प्लेटफॉर्म की ऊंचाई नापता था. पिछले तीन साल से वह चुप क्यों है?

बता दें कि शुक्रवार की सुबह मुंबई के एलफिंस्टन ब्रिज पर मची भगदड़ की वजह से 23 लोगों की मौत हो गई थी. एक-दूसरे को कुचलते हुए लोग दूसरे की परवाह किए बगैर अपनी सलामती के लिए भागते रहे। एलफिंस्टन स्टेशन पर भगदड़ के लिए रेलवे ने सफाई दी कि बारिश की वजह से लोग ओवरब्रिज पर जरूरत से ज्यादा संख्या में आ गए और ब्रिज टूटने या शार्ट सर्किट की अफवाह से भगदड़ के हालात पैदा हो गए।

परेल-एलफिंस्टन स्टेशन के पास बना यह पुल दशकों पुराना है और पिछले काफी समय से इसे लेकर चेतावनी दी जा रही थी. साल भर पुराने ट्वीट्स जिनमें तत्कालीन रेल मंत्री सुरेश प्रभु को टैग किया है और साथ ही रेल मंत्रालय को भी टैग किया हुआ है, बताते हैं कि इस पुल को लेकर काफी समय से अंदेशे जताए जा रहे थे और इसे ठीक करने की मांग की जा रही थी लेकिन समुचित एक्शन न लिए जाने के कारण अंतत: हादसा हो ही गया.

 

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