किसान आंदोलन का असर कारोबार और सप्लाई चेन पर दिखने लगा है. कच्चे माल की सप्लाई कम होने से मैन्यूफैक्चरिंग यूनिटों में काम धीमा हुआ है. पंजाब, हरियाणा और दिल्ली के कई मैन्यूफैक्चरर्स का कहना है किसान आंदोलन की वजह से प्रोडक्शन में गिरावट आई है. कुछ बिजनेस संगठनों का कहना है कि पिछले डेढ़ महीनों में उनके सदस्यों कारोबार लगभग 50 फीसदी गिरा है.
आठवें दौर की बातचीत से पहले संयुक्त किसान मोर्चा ने सरकार को अल्टीमेटम देते हुए एलान किया है कि कृषि सुधार कानूनों को रद्द करने की उनकी मांग नहीं मानी गई तो गणतंत्र दिवस के दिन किसान दिल्ली में ट्रैक्टर परेड निकालेंगे. किसान नेताओं ने एक बार फिर जोर देकर कहा कि कृषि कानूनों को रद्द करने से कम कुछ भी उन्हें मंजूर नहीं.
किसान नेताओं ने कहा कि जब तक केंद्र सरकार कानूनों को रद्द नहीं करती तब तक दिल्ली की सीमा पर बैठे किसान अपना आंदोलन खत्म नहीं करेंगे.किसान नेताओं ने यह भी एलान किया कि सरकार के साथ बात नहीं बनने की स्थिति में दिल्ली-जयपुर हाईवे पर राजस्थान-हरियाणा की सीमा शाहजहांपुर बॉर्डर पर बैठे किसान अगले हफ्ते दिल्ली की तरफ बढ़ेंगे.