पूर्वी लद्दाख में सीमा विवाद को लेकर चीन के साथ गतिरोध के बीच मोदी सरकार ने परमाणु हथियार ले जाने में सक्षम शौर्य मिसाइल को बेड़े में शामिल करने को मंजूरी दे दी है।
इसके साथ 700 किमी रेंज की सतह से सतह पर मार करने वाली सुपरसोनिक शौर्य मिसाइल की तैनाती को भी स्वीकृति मिल गई है। वहीं, 5,000 किमी रेंज के के-5 पनडुब्बी बैलिस्टिक मिसाइल के विकास में भी गति आई है।
3 अक्टूबर को ओडिशा के बालासोर में शौर्य मिसाइल का सफल परीक्षण किया गया था. स्ट्रैटेजिक शौर्य मिसाइल की तैनाती का फैसला सामरिक बल कमांड पर छोड़ दिया गया है. मिसाइल विशेषज्ञों के मुताबिक, इसकी खासियत सुपरसोनिक स्पीड पर उड़ान भरने की है यानी एक सेकंड में 2.4 किलोमीटर की शौर्य मिसाइल दूरी तय कर सकती है.
50 किलोमीटर की ऊंचाई पर मिसाइल अपने निर्धारित लक्ष्य को भेद सकती है. मिसाइल की क्षमता करीब 160 किलोग्राम वारहेड की है. इसको एकल वाहन से छोड़ने के अलावा एक जगह से दूसरी जगह आसानी से ले जाया जा सकता है. ट्रक पर रखे कनस्तरों से भी मिसाइल को दागा जा सकता है.