अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ऐलान किया है कि,” वह कोरोना वायरस से बचाव के लिए जिंक के साथ मलेरिया रोधी दवा हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन खा रहे हैं।” ट्रंप की इस घोषणा के बाद सब हैरान हैं। इससे पहले अमेरिका सरकार के विशेषज्ञों ने कहा था कि,” मलेरिया रोधी दवा कोरोना वायरस के इलाज में कारगर नहीं है।”
इससे पहले नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ (NIH) ने एक प्रेस रिलीज में कहा कि अमेरिकी वैज्ञानिकों ने बायोटेक्नॉलोजी कंपनी मॉडर्न द्वारा विकसित संभावित कोविड-19 वैक्सीन के तीसरे चरण का ट्रायल शुरू कर दिया है. एनआईएच की योजना लगभग 30,000 वॉलंटियर्स पर वैक्सीन पर ट्रायल करने की है.
अमेरिकी कंपनी मॉडर्ना वैक्सीन लाने के बेहद करीब है. मॉडर्ना की वैक्सीन का फाइनल स्टेज ट्रायल शुरू हो गया है. वैक्सीन के ट्रायल में मदद के लिए अमेरिकी सरकार के बायोमेडिकल एडवांस्ड रिसर्च एंड डेवलपमेंट अथॉरिटी (BARDA) ने मॉडर्न कंपनी को अतिरिक्त 472 मिलियन डॉलर दिए हैं. इससे पहले कंपनी को अप्रैल में अमेरिकी सरकार से 483 मिलियन डॉलर मिले थे. करीब 30 हजार लोगों पर यह पता लगाने के लिए शोध होगा कि यह वैक्सीन कोरोना वाायरस से बचाव में कितनी प्रभावशाली है