किसानों के ‘भारत बंद’ को कांग्रेस और TRS का मिला समर्थन, 8 दिसंबर को कार्यकर्ता करेंगे प्रदर्शन

नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का आंदोलन आज 11वें दिन भी जारी है. कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के साथ पिछली बातचीत बेनतीजा रही. किसान केंद्र सरकार की ओर से कमेटी बनाने पर राजी नहीं है. किसानों को कमिटी पर कोई आपत्ति नहीं है, लेकिन उनका कहना है कि जबतक कमेटी कोई निष्कर्ष पर नहीं पहुंचती और कुछ ठोस बात नहीं निकलती, उनका आंदोलन जारी रहेगा.

सरकार के साथ जारी बातचीत फलीभूत होगी, इसे लेकर किसान संगठनों को शक है। एकमत से यह तय हुआ कि उनके प्रतिनिधि सरकार से नए कानूनों को रद्द करने के लिए कहेंगे, इससे कम पर बात नहीं बनेगी। भारतीय किसान यूनियन (BKU) के जगमोहन सिंह ने दिल्‍ली के और ‘बॉर्डर पॉइंट्स’ ब्‍लॉक करने की चेतावनी दी है। ‘भारत बंद’ क्‍यों है, कहां-कहां इसका असर दिख सकता है और कैसे इसे टाला जा सकता है, आइए इसे समझते हैं।

तीन नए कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग लेकर हजारों-हजार किसान सड़क पर हैं। दिल्‍ली से लगने वाली सीमाएं ब्‍लॉक कर दी गई हैं। केंद्र सरकार और किसान संगठनों के बीच आज अगले दौर की बातचीत होनी है। किसान कानून वापस लेने से कुछ भी कम स्‍वीकारने को तैयार नहीं हैं। सरकार थोड़ी नरम दिख रही है लेकिन पूरी तरह रोलबैक का फैसला उसके लिए शर्मिंदगी भरा होगा।

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