विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के प्रमुख ने चेतावनी दी है कि दुनिया असमान कोविड-19 वैक्सीन नीतियों के कारण ‘भयावह नैतिक पतन’ का सामना कर रही है। बीबीसी की रिपोर्ट के अनुसार, डब्ल्यूएचओ के प्रमुख ट्रेडोस अदानोम घेब्रियेसस ने कहा कि यह उचित नहीं है कि अमीर देशों में युवा, स्वस्थ लोग गरीब राज्यों में कमजोर लोगों से पहले वैक्सीन लगवाएं।
एक स्वतंत्र पैनल (इंडिपेंडेंट पैनल फॉर पैन्डेमिक प्रिपेयर्डनेस एंड रिस्पॉन्स) ने अपनी रिपोर्ट में कहा है, अगर चीन चाहता तो कोरोना वायरस को महामारी बनने से रोका जा सकता था, लेकिन उसने समय रहते काबू नहीं किया। इतना ही नहीं, इसके लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन को भी जिम्मेदार ठहराया गया है।
वैश्विक महामारी की जांच करने वाले इस स्वतंत्र समूह ने निष्कर्ष निकाला है कि जब चीन में कोरोना का पहला मामला सामने आया था, तब डब्ल्यूएचओ और बीजिंग तेजी से काम कर सकते थे। लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया और उन दोनों की लापरवाही की वजह से दुनियाभर में कोरोना वायरस ने महामारी का रूप ले लिया।