गिनी में 5 साल बाद फिर लौटा इबोला वायरस का प्रकोप, अबतक 7 लोगों ने संक्रमण के कारण तोड़ा दम

कोरोना महासंकट के बीच पश्चिमी अफ्रीकी देश गिनी में 5 साल बाद जानलेवा इबोला वायरस (Ebola Virus) फैल गया है. इससे 4 लोगों की मौत (Death) हो गई है और 4 लोग अभी संक्रमित हैं.

2016 के बाद पहली बार इबोला वायरस मामलों की पुष्टि गिनी में हुई है. इबोला वायरस दशकों से रहा है और गंभीर बीमारी का कारण बन सकता है जिसके नतीजे में मौत भी हो सकती है. ज्यादातर बीमारियों और संक्रमण की बुनियाद रोकथाम और जागरुकता है, यही मामला इबोला वायरस के साथ भी है. आपको इबोला वायरस की कुछ हकीकतें बताई जा रही हैं जिनका जानना जरूरी है.

इबोला वायरल एक संक्रमण है, जो आमतौर पर एक वायरस से होता है जिसे इबोला वायरस कहा जाता है.इबोला के खतरे को देखते हुए गिनी की सरकार ने इबोला वायरस संक्रमण को महामारी घोषित कर दिया है. गोउइके में एक अंतिम संस्‍कार कार्यक्रम में शामिल होने के बाद 7 लोगों ने डायरिया, उल्‍टी और खून आने की शिकायत की.

कांगों के इक्वाटोर प्रांत में वर्ष 2018 में इबोला का प्रकोप फैला था और 54 मामले सामने आए थे. इसमें 33 लोगों की मौत हो गई थी. कांगो अपने पूर्वी इलाके में फैले इबोला वायरस के दूसरे सबसे बड़े प्रकोप से जूझ रहा है.
इबोला वायरस का इंसानों से इंसानों में ट्रांसमिशन इंसानों के निकट संपर्क में आने से नहीं होता है, बल्कि वायरस सिर्फ शरीर के तरल से फैल सकता है. लार, खून, मल इत्यादि से वायरस का ट्रांसमिशन हो सकता है और स्वस्थ इंसानों को संक्रमित करता है.

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