‘मिशन रोजगार’: यूपी चुनाव में रोज़गार बनेगा बड़ा मुद्दा, चार सालों में मिली चार लाख सरकारी नौकरियां

उत्तर प्रदेश सरकार आज से प्रदेश में मिशन रोजगार शुरू करने जा रही है. इस अभियान के तहत सरकार ने 50 लाख युवाओं को रोजगार देने का लक्ष्य तय किया है. बताया जा रहा है कि रोजगार के लिए प्रदेश के इतिहास में यह इकलौता और सबसे बड़ा अभियान है. यूपी के युवाओं को रोजगार और स्वरोजगार के अवसर मुहैया कराने के लिए राज्य सरकार ने पूरे प्रदेश में 5 दिसंबर से मिशन रोजगार अभियान की शुरूआत की है.

यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आज नलकूप चालकों को नियुक्ति पत्र बांटे. इस बार 3209 ट्यूबवेल ऑपरेटरों को नौकरी मिली. मिशन शक्ति अभियान में पहली बार 516 महिलाओं को भी नौकरी दी गई है. इस भर्ती के बाद अब यूपी में ट्यूबवेल ऑपरेटरों की संख्या 34 हज़ार हो गई है. पहली बार यूपी सरकार ने आईटीआई पास लोगों को इस कोटे से नौकरी दी है. शुरुआत में एक नलकूप चालक को कम से कम तीस हज़ार रूपये हर महीने मिलते हैं. सरकारी ट्यूबवेल से खेतों में सिंचाई होती है.

योगी सरकार का पूरा ज़ोर मिशन रोज़गार पर है. सरकार को पता है कि तेजस्वी यादव की तरह ही अखिलेश यादव भी इसे चुनावी एजेंडा बना सकते हैं. उससे पहले ही सरकार रोज़गार देने के अभियान में जुट गई है. इसके लिए अलग से एक आयोग बनाने पर काम चल रहा है. रोज़गार आयोग बना कर लोगों को काम देने की तैयारी है. ओडीओपी यानी वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट योजना में लोन बांटे जा रहे हैं. एडिशनल चीफ़ सेक्रेटरी नवनीत सहगल कहते हैं छोटे और मझोले उद्योगों में हज़ारों लोगों को काम मिला है. इसे और आगे बढ़ाने पर काम चल रहा है. ये इंडस्ट्री तेज़ी से बढ़ रही है.

इस पोस्ट पर अपनी प्रतिक्रिया दें