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गुड फ्राइडे (कविता) – हूबनाथ पांडेय
मन जब भी होता है संकट मेंसबसे पहलेतुम याद आते होयाद आता हैतुम्हारा साहसतुम्हारी ज़िदऔर सबसे ज़्यादातुम्हारी निर्भयतादुबले पतलेनिहायत मामूली जिस्म मेंआकाश जैसी आस्थाधरती...
हूबनाथ पांडेय की पांच कविताएँ
तुम और हम
तुम जनमे
तब देश ग़ुलाम था
हम जनमे
आज़ाद देश में
तुम थे कमज़ोर
पर अपनी कमज़ोरी को
अपनी ताक़त बनाते रहे
हम अपनी ताक़त
बदलते रहे कमज़ोरी में
तुम...