Wednesday, May 15, 2024
Home Tags Majdoor Poem

Tag: Majdoor Poem

मज़दूर (कविता ) – हूबनाथ पांडेय

पृथ्वी को उसके अक्ष पर घुमाता रहता है सूरज को खींच कर हर रोज़ ला पटकता है पूरबी छोर पर धरती की कोख से खोद निकालता है प्राण लोहे...

Follow Us -

9,935FansLike
271FollowersFollow
1,022FollowersFollow
2,090SubscribersSubscribe

MOST POPULAR

HOT NEWS