सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट (Central Vista Project) के तहत नए संसद भवन के निर्माण को कुछ शर्तों के साथ मंजूरी दे दी है. जस्टिस एएम खानविलकर की अध्यक्षता वाली 3 जजों की बेंच ने मंगलवार को 2:1 से ये फैसला सुनाया. एक फैसला जस्टिस ए एम खानविलकर और जस्टिस दिनेश माहेश्वरी का है.
शीर्ष अदालत ने लैंड यूज चेंज करने के इल्जाम की वजह से सेंट्रल विस्टा की वैधता पर सवाल खड़े करने वाली याचिका को फिलहाल लंबित रखा है.सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिकाओं में यह कहा गया था कि राष्ट्रपति भवन, संसद, प्रधानमंत्री कार्यालय जैसी अहम इमारतों वाले सेंट्रल विस्टा इलाके में नया प्रोजेक्ट शुरू करने के लिए दिल्ली विकास प्राधिकरण (DDA) से लैंड यूज बदलवाया गया. परियोजना को मंजूरी देने से पहले लोगों से आपत्तियां और सुझाव नहीं लिए गए. इलाके में तमाम ऐतिहासिक इमारते हैं, जो दिल्ली और देश की पहचान हैं. नए निर्माण से उन्हें खतरा हो सकता है.
इसके जवाब में केंद्र सरकार ने सभी दलीलों को निराधार बताया था. उसने यह भी कहा था कि पुराना संसद भवन बदलती जरूरतों के हिसाब से अपर्याप्त है. इसलिए, नया निर्माण ज़रूरी है. इस समय केंद्र सरकार के मंत्रालय एक-दूसरे से दूर कई इमारतों में बिखरे हैं.