कृषि कानूनों के विरोध में सरकार तक अपनी आवाज पहुंचाने के लिए दिल्ली की सीमाओं पर कड़ाके की ठंड में प्रदर्शन कर रहे देश के किसानों का आंदोलन आज 44वें में दिन में प्रवेश कर चुका है। एक ओर जहां कल किसानों ने ट्रैक्टर मार्च निकालकर सरकार को अपनी शक्ति का अहसास कराया वहीं आज वह सरकार के साथ आठवें दौर की बैठक कर एक बार फिर अपनी मांगों को किसानों के सामने रखेंगे।
किसानों और सरकार के बीच मध्यस्थता के लिए उन्होंने कृषि मंत्री को प्रस्ताव दिया. लक्खा सिंह ने कृषि मंत्री से मिलकर किसान आंदोलन से सम्बंधित चर्चा की. सूत्रों के मुताबिक बाबा लक्खा सिंह ने सरकार का पक्ष सुना.
कृषि मंत्री ने कहा, ”हम दस कदम आगे बढ़े. किसान संगठनों को भी कुछ आगे बढ़ना चाहिए. रद्द करने की बात को छोड़ और कोई भी प्रस्ताव दे तो सरकार आगे फिर उसपर विचार करेगी.” उधर पंजाब बीजेपी के नेता सुरजीत सिंह जिहानी और हरजीत सिंह ग्रेवाल ने गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की.
प्रदर्शन कर रहे किसान संगठनों ने कहा कि 26 जनवरी को हरियाणा, पंजाब और उत्तर प्रदेश के विभिन्न हिस्सों से राष्ट्रीय राजधानी में आने वाले ट्रैक्टरों की प्रस्तावित परेड से पहले यह महज एक रिहर्सल है.