अमेरिका में नए राष्ट्रपति जो बिडेन ने 20 जनवरी को शपथ ली। इसके साथ ही यूएस की नई सरकार में एंटनी ब्लिंकन को विदेश मंत्रालय की जिम्मेदारी सौंपी गई है। भले ही पाकिस्तान और चीन ट्रंप के जाने पर खुश हो रहे हो, लेकिन अमेरिका के नए विदेशमंत्री ने पाकिस्तान और चीन को सचेत किया हैं कि देश में सरकार बदलने से नीतियां नहीं बदलेंगी।
ब्लिंकेन ने कहा था कि चीन से निपटने के लिए अमेरिका को एक बार फिर से मज़बूत लोकतंत्र होना पड़ेगा और इसके लिए भारत को साथ लेकर चलना पड़ेगा. भारत से पार्टनरशिप पर उन्होंने काफ़ी ज़ोर दिया था.
एंटोनी ब्लिंकेन, जो बाइडेन के साथ पिछले कई वर्षों से सलाहकार के तौर पर जुड़े हैं. इसके अलावा पूर्व विदेश मंत्री हिलेरी क्लिंटन के करीबी जेक सुलिवान कोजो बाइडेन ने राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) के पद पर नियुक्त होंगे. उन्होंने कहा कि हम भारत के साथ काम कर रहे हैं ताकि चीन सहित इस क्षेत्र का कोई भी देश संप्रभुता को चुनौती न दे सके।
इसके साथ ही हम उन चिंताओं पर भी काम कर रहे हैं, जो हम आतंकवाद के बारे में एक-दूसरे साझा करते हैं। हालांकि ब्लिंकन की शुरुआती बातों में इस बात के संकेत दिखे की भारत द्वारा रूस से S- 400 मिसाइल की खरीद दोनो देशों के संबंधों में तनाव की वजह है।