केन्द्रीय चुनाव आयोग (ECI) की ईवीएम हैक करने का चैलेंज शनिवार को खत्म हो गई और कोई भी राजनीतिक दल चुनाव आयोग के चैलेंज को तोड़ नहीं सका। मुख्य चुनाव अधिकारी नसीम जैदी ने जानकारी देते हुए कहा कि सीपीआईएम ने चुनौती में भाग नहीं लेने की इच्छा जताई, लेकिन उनके प्रतिनिधियों ने ईवीएम प्रक्रिया को समझा और देखा।
चुनाव आयोग की चार घंटे का ईवीएम हैक करने का चैलेंज शनिवार सुबह 10 बजे शुरू हुई और दो बजे तक चली। चुनाव आयुक्त नसीम जैदी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि इस चुनौती में ईवीएम को खोलने का भी ऑप्शन था। इस चुनौती में पहली चुनौती थी कंट्रोल यूनिट, बैलेट यूनिट और वीवीपीएटी यूनिट के बारे में बताया जाना था। इस चुनौती के दूसरे चरण में बटन को टच करना और मशीन को खोल भी सकते थे। चुनाव आयोग ने कहा कि इसमें चैलेंज देने वाला मशीन खोलकर मेमोरी नंबर और बैट्री नंबर लेकर ईवीएम को हैक करने की कोशिश कर सकता था। उन्होंने कहा कि हमारे लिए टेक्नोक्रेट से बड़ी गारंटी वोटर हैं।
जैदी ने बताया कि ईवीएम को हैक नहीं किया जा सकता और इसमें छेड़छाड़ संभव नहीं है। इसके परिणाम भी नहीं बदले जा सकते। चुनाव आयोग की तकनिकी टीम ने दोनों पार्टियों के प्रतिनिधि को सभी प्रक्रियाएं समझाईं। साथ ही उन्होंने यह भी बताया कि सीपीएम ने संतुष्टि जताई है और ईवीएम को लेकर जागरूकता अभियान चलाने को कहा है। दूसरी तरफ एनसीपी ने आयोग को सुझाव दिया कि राज्य और केंद्र के चुनाव में ‘वीवीपैट‘ का उपयोग किया जाए।
चुनाव आयोग ने ईवीएम हैक करने का चैलेंज के चलते 14 ईवीएम मशीनों को हैक करने के लिए रखा था। इस चैलेंज के लिए सीपीआईएम और एनसीपी के प्रतिनिधियों को चार-चार ईवीएम मशीन दी थी। इस चैलेंज के दो घंटे बाद ही दोनों दलों के प्रतिनिधियों ने साफ कर दिया है कि वह सिर्फ प्रक्रिया समझने आए थे और उन्होंने चुनाव आयोग की चुनौती स्वीकार करने से इनकार कर दिया।
वहीं इससे पहले चुनाव आयोग ने अपने कदम की संवैधानिक वैधता पर उठाए गए सवाल को उत्तराखंड हाईकोर्ट द्वारा खारिज किए जाने के बाद शुक्रवार को बताया कि ईवीएम चुनौती शनिवार को निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार ही होगी।
चुनाव आयोग ने 56 पार्टियों को दी थी चुनौती:
चुनाव आयोग ने देश की 7 राष्ट्रीय और 49 प्रदेश स्तर की राजनीतिक पार्टियों को ईवीएम के साथ छेड़छाड़ करने की चुनौती दी थी।
ईवीएम पर सबसे ज्यादा सवाल उठाने वाली आम आदमी पार्टी (AAP) ने इस चैलेंज में हिस्सा नहीं लिया। आप ने शनिवार को उसी समय चुनाव आयोग की तर्ज पर अपना समानांतर चैलेंज आयोजित करने का फैसला लिया था। बसपा भी चुनाव आयोग के इस चैलेंज में शामिल नहीं हुई। दोनों पार्टियों ने बीते विधानसभा चुनावों में ईवीएम के प्रयोग पर सवाल उठाया था।