ज्योति विश्वकर्मा हत्याकांड मामले में कोर्ट ने सुनाया बड़ा फ़ैसला, सभी दोषियों को उम्रकैद की सज़ा

ज्योति विश्वकर्मा हत्याकांड

उ.प्र. के प्रतापगढ़ जिले के ज्योति विश्वकर्मा हत्याकांड मामले में कोर्ट ने आज फैसला सुना दिया। बी.ए. की छात्रा ज्योति विश्वकर्मा को ज़िंदा जलाकर मार दिए जाने के मामले में सम्मिलित सभी दोषियों को कोर्ट ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। इस घटना के विरोध में मुंबई और उत्तर प्रदेश समेत पूरे भारत में विश्वकर्मा वंशियों ने प्रदर्शन कर दोषियों को सख्त-से-सख्त सजा दी जाने की मांग की थी।

पीड़ित परिवार की मानें तो पुलिस व प्रशासन की लापरवाही ज्योति विश्वकर्मा हत्याकांड की मृत्यु की वजह बनी। प्रारम्भिक तौर पर ज़मीनी विवाद की शिकायत पर परिवार को स्थानीय पुलिस ने सहयोग नहीं किया और मामले में लापरवाही बरती। बढ़ता विवाद ज्योति की मृत्यु की वजह बना। हालात ऐसे हो गए कि उसके पिता भी विदेश से उसके दाह संस्कार में नहीं आ पाए थे।इस मामले को गंभीरता से न लिए जाने के कारण अंततः आक्रोषित विश्वकर्मा समाज ने खुद आगे आकर इसकी लड़ाई दिल्ली तक लड़ी। अखिलेश सरकार के दौरान हुई इस घटना को लेकर धरना प्रदर्शन और आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग बड़े जोरशोर से की गई थी। मुंबई के आज़ाद मैदान में भी ज्योति विश्वकर्मा हत्याकांड मामले में विश्वकर्मा समाज ने धरना प्रदर्शन किया था।

मुंबई में किये गए धरने में विश्वकर्मा समाज ने अपनी इन मांगों को मुख्य रूप से रखा था :

  • दोषी पुलिस-कर्मियों का आजीवन निलंबन।
  • मुकदमे को फ़ास्ट ट्रैक कोर्ट को सौंपने की मांग।
  • विवादित ज़मीन का जल्द न्यायिक निपटारा।
  • मामले की गंभीरता को देखते हुए उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा मुआवजे की राशि बढ़ाई जाय।
  • पीड़ित परिवार को न्यायिक सुरक्षा प्रदान की जाय। 

ज्योति विश्वकर्मा हत्याकांड मामले में लगभग २ वर्ष तक चली कार्यवाही में कोर्ट ने आज फैसला सुनाते हुए इस घटना में सम्मिलित सभी दोषियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है।

बता दें कि थाना जेठवारा अंतर्गत ग्राम श्रीपुर निवासी ज्योति विश्वकर्मा (18) पुत्री राजेन्द्र विश्वकर्मा की 25 सितंबर 2015 को हत्या कर दी गई थी। जमींनी रंजिश में पड़ोसियों ने शौंच के लिए गई ज्योति को जिन्दा जलाने का प्रयास किया था। परिजन आनन -फानन में उपचार हेतु जिला चिकित्सालय ले गए, जहां पर हालत नाजुक होने पर चिकित्सकों ने उपचार हेतु इलाहाबाद के लिए रेफर कर दिया था। वहां पर ज्योति कई दिनों तक इलाहाबाद के स्वरूपरानी अस्पताल में जीवन-मृत्यु के बीच संघर्ष करती रही और अंततः उसकी साँसें थम गईं। परिजनों की तहरीर पर ओम प्रकाश मौर्य व उसकी पत्नी समेत चार लोगों के विरुद्ध रिपोर्ट दर्ज कराई गयी थी।

साभार: यूपी किरण 

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