मुंबई: पूरे देश के साथ महाराष्ट्र में कोविड 19 के चलते लागू लॉक डाउन के बावजूद भी श्रमिकों का पलायन करने का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। पुलिस के नाकों से बच कर कच्चे रास्तों से मध्यप्रदेश, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, बिहार आदि राज्यों के लिए लोग पैदल, साइकिल से अपने घरों के लिए निकल पड़े हैं। केंद्र व राज्य सरकार द्वारा भले ही प्रवासियों को उनके प्रदेश भेजने की भले ही योजना बनाई गई हो, लेकिन मजदूरों का मानों सरकार से विश्वास ही उठ गया और मजबूरी में उन्हें पैदल या साइकिल से भूखे प्यासे पलायन करना पड़ रहा है।
महाराष्ट्र से हर रोज हजारों प्रवासी श्रमिकों का समूह छोटे-छोटे बच्चे को गोदी में, समान सिर पर और पीठ पर राशन पानी लादकर निकल रहे हैं। उनका एक ही मिशन है कि जैसे-तैसे करके वह अपने प्रदेश की सीमा में कोरोना संक्रमण से बचकर सुरक्षित पहुंच जाए। श्रमिकों का कहना है कि केंद्र व राज्य सरकार कहने को तो श्रमिकों को उनके घर सुरक्षित छोड़ने की योजना बना रही है, पर असल में उनकी तकलीफों पर कोई ध्यान नहीं दे रहा है। इसीलिए उन्हें अब पैदल निकलने का रास्ता चुनना पड़ रहा है। उनकी गरीबी ही उनका सबसे बड़ा अपराध है, जिसकी सजा वे भुगत रहे हैं। विदेश में रह रहे नागरिकों को सरकार हवाई जहाज से मंगा रही है और उनके लिए ट्रेन या बस की व्यवस्था करने में भी सरकार लाचार है।