आज तिब्बती धर्मगुरु दलाई लामा का 85वां जन्मदिन है। दलाई लामा के जन्मदिन के इस मौके पर भारत समेत दुनिया भर में कई कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे, जिनसे चीन बेचैन जरूर होगा। 14वें दलाई लामा का जन्म 6 जुलाई 1935 को हुआ था। बचपन से वे तिब्बतियों की परेशानियों को समझने लगे थे औऱ इसके लिए वे चीन के खिलाफ आवाज उठाने लगे।
भारत ने दलाई लामा को तब शरण दी थी, जब वह मात्र 23 वर्ष के थे। दलाई लामा को मुख्य रूप से शिक्षक के तौर पर देखा जाता है क्योंकि लामा का मतलब गुरु होता है। दलाई लामा अपने लोगों को सही रास्ते पर चलने की प्रेरणा देते हैं।
एक महीने से भारत और चीन के बीच जारी इस तनाव के बाद अब भारत ने चीन की हर मोर्चे पर घेराबंदी शुरू कर दी है। तिब्बत पर जबरन अपना कब्जा जमाने के बाद चीन हमेशा ही दलाई लामा का विरोध करता रहा है। चीन को एक बार फिर यह चिंता होगी कि कहीं दलाई लामा अपने जन्मदिन पर तिब्बत और इसकी आजादी को लेकर कोई नसीहत न दे दें।
चीन को भारत द्वारा दलाई लामा को शरण देना अच्छा नहीं लगा और उसे डर था कि दलाईलामा उसके तानाशाही और क्रूरता के बारे में दुनिया को न बता दे। दलाईलामा अक्सर तिब्बत की स्वायतता की बात करते हैं जो कि चीन को हमेशा से नागवार गुजरा है।