गलवान घाटी में भारत और चीन के सैनिकों के बीच जो हिंसक झड़प हुई है, उसमें सूत्रों के मुताबिक भारत के करीब 20 सैनिक शहीद हो गए हैं और चीन को भी करीब-करीब इतना ही नुकसान हुआ है। भारत के जो सैनिक शहीद हुए हैं, उनमें एक कर्नल रैंक का अधिकारी भी शामिल है। चीन के भी करीब इतने ही सैनिक मारे गए हैं उनमें चीन का एक कमांडिंग ऑफिसर भी शामिल है। न्यूज एजेंसी ANI के मुताबिक चीन की तरफ से 43 जवान हताहत हुए हैं। हताहतों में मरने वाले और गंभीर रूप से घायलों की संख्या शामिल हैं। न्यूज एजेंसी ANI ने उच्च पदस्थ सूत्रों के हवाले से ये भी कहा है कि चीन की तरफ से हताहतों की संख्या में इजाफा भी हो सकता है। सूत्रों का कहना है कि चीन की तरफ की बातचीत को इंटरसेप्ट किया गया है, उसी आधार पर ये दावा किया जा रहा है।
इस पूरी घटना पर भारतीय सेना ने बयान जारी किया है। सेना ने कहा कि 15 जून की रात को गलवान घाटी इलाके में हिंसक झड़प हुई थी। इस घटना में 20 सैनिक शहीद हुए हैं।
चीनी सीमा के इलाकों में अलर्ट
चीन और भारतीय सेना के बीच हुई तनातनी के चलते हिमाचल प्रदेश से सटी चीनी सीमा के इलाकों में अलर्ट किया गया। अलर्ट के साथ ही हिमाचल पुलिस ने सूबे की सभी खुफिया एजेंसियों को सतर्क किया। राज्य के जिला किन्नौर और लाहौल स्पीति में रह रहे लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए एडवायजरी भी जारी की गई। हिमाचल के दो जिलों किन्नौर और लाहौल स्पीति के साथ चीन की सीमा लगती है।
इससे पहले इस घटना पर विदेश मंत्रालय ने बयान जारी किया था। विदेश मंत्रालय ने कहा है कि भारत ने हमेशा LAC का सम्मान किया और चीन को भी ऐसा करना चाहिए। मंत्रालय ने कहा कि LAC पर कल जो हुआ उससे बचा जा सकता था। दोनों देशों को नुकसान उठाना पड़ा है।
LAC पर हुई इस झड़प के बाद दिल्ली में बैठकों का दौर भी शुरू हो गया। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत और सेना प्रमुख जनरल एमएम नरवणे के साथ बैठक हुई। वहीं, राजनाथ सिंह ने इस मामले की जानकारी प्रधानमंत्री मोदी को फोन पर दी। तो वहीं विदेश मंत्री एस जयशंकर ने पीएम आवास जाकर प्रधानमंत्री मोदी से मुलाकात की।
एकतरफा कार्रवाई पर विदेश मंत्रालय की चीन को दो टूक
- विदेश मंत्रालय ने मंगलवार शाम करीब 8.15 बजे बयान जारी किया। मंत्रालय ने कहा- 15 जून की रात चीन के सैनिकों ने लद्दाख में मौजूदा हालात को बदलने की एकतरफा कार्रवाई की। इसके चलते दोनों पक्षों में हिंसक झड़प हुई।
- “दोनों पक्षों को नुकसान हुआ है। इस नुकसान को टाला जा सकता था, अगर चीनी पक्ष ईमानदारी से हाई लेवल पर बनी सहमति का पालन करता।’
- मंत्रालय ने कहा- बॉर्डर मैनेजमेंट को लेकर भारत का नजरिया बेहद जिम्मेदाराना रहा है। भारत की गतिविधियां हमेशा एलएसी के दायरे के भीतर ही होती हैं। हम चीन की तरफ से भी ऐसी ही उम्मीद करते हैं।
- हम मानते हैं कि सीमाई क्षेत्रों में शांति बनाए रखना जरूरी है। मतभेद हों तो उन्हें बातचीत के जरिए सुलझाया जाए। लेकिन, हम मजबूती से यह बात साफ करना चाहते हैं कि हम भारत की संप्रभुता और अखंडता को लेकर प्रतिबद्ध हैं।