कोरोना वायरस (Coronavirus) के खिलाफ जारी जंग में वैश्विक अगुवाई करने वाले भारत में अमेरिका (US) और यूरोप (Europe) के मुकाबले हालात कम खराब हुए. देश का रिकवरी रेट पूरी दुनिया के लिए मिसाल बन चुका है.
सावधानी हटी और दुर्घटना घटी जैसे मामलों के बीच दूसरे देशों से आए कोरोना स्ट्रेन भी लगातार चिंता की वजह बने हुए हैं. देश के कुछ हिस्सों में कोरोना के बढ़े मामले सुर्खियों में है.
केंद्र सरकार ने स्ट्रेन की पुष्टि करते हुए बताया कि जनवरी में भारत में 4 लोगों के कोरोना के दक्षिण अफ्रीकी वैरिएंट से संक्रमित होने का पता लगा था जबकि फरवरी के पहले हफ्ते में ब्राजीलीयाई वैरिएंट से संक्रमण का एक मामला सामने आया है. आईसीएमआर के महानिदेशक बलराम भार्गव ने बताया कि भारत में बाहर से लौटे 4 लोगों के वायरस के दक्षिण अफ्रीकी वैरिएंट से संक्रमित होने की पुष्टि हुई है.
वहीं संक्रमितों में से 2 लोग दक्षिण अफ्रीका से लौटे थे जबकि एक-एक व्यक्ति अंगोला और तंजानिया से लौटे थे. सभी यात्रियों और उनके संपर्क में आए लोगों की जांच कर उन्हें आइसोलेशन में रखा गया है.