नए कृषि कानूनों के विरोध में किसान संगठनों की तरफ से मंगलवार को बुलाया गया भारत बंद शांतिपूर्ण रहा और इसका देशव्यापी असर देखने को मिला. राजधानी दिल्ली से लेकर तमिलनाडु तक इसके विरोध में प्रदर्शन हुए. हालांकि, किसान संगठनों के इस प्रदर्शन को देश की प्रमुख सभी विपक्षी पार्टियों ने समर्थन किया. मंगलवार देर रात 13 किसान नेताओं की गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात बेनतीजा रही.
इसके साथ ही एपीएमसी क़ानून के तहत आने वाली मंडियों को और सशक्त करने पर सरकार तैयार है. किसान चाहते हैं कि जिन व्यापारियों को प्राइवेट मंडियों में व्यापार करने की इजाज़त मिले उनका रजिस्ट्रेशन होना चाहिए. जबकि क़ानून में केवल पैन कार्ड होना अनिवार्य बनाया गया है. सरकार किसानों की यह मांग भी मांगने को तैयार नजर आ रही है. इसके अलावा प्राइवेट मंडियों में भी कुछ शुल्क लगाने पर विचार हो सकता है.
इसके अलावा सरकार पराली जलाने को लेकर हाल ही में लाए गए अध्यादेश में कुछ बदलाव कर सकती है या वापस लेने पर भी विचार कर सकती है. किसानों की एक मांग प्रस्तावित बिजली संशोधन बिल को नहीं लाने की भी है. सरकार उसपर और संवाद का प्रस्ताव रख सकती है.
3synthesis