अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी NASA का रोवर ‘पर्सविरन्स’ सफलतापूर्वक मंगल ग्रह पर उतर चुका है. इस ऐतिहासिक मिशन का हिस्सा बनने वाले वैज्ञानिकों में, भारतीय-अमेरिकी डॉ. स्वाति मोहन ने एटीट्यूट कंट्रोल और रोवर के लिए लैंडिंग सिस्टम से जुड़ी गतिविधियों का नेतृत्व किया.
‘पर्सवरिंस’ जैसे ही लाल ग्रह की सतह पर उतरा, स्वाति खुशी से झूम उठीं और कहा, ”रोवर सफलतापूर्वक उतर गया है।”उनका कहना है कि दिशा-निर्देशन और नियंत्रण अभियान अंतरिक्ष यान के ”आंख-कान” होते हैं।
नॉर्दर्न वर्जीनिया और वाशिंगटन डीसी में पली बढ़ीं स्वाति ने यांत्रिक और अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी में कॉर्नेल यूनिवर्सिटी से स्नातक और फिर मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी से वैमानिकी एवं अंतरिक्षयानिकी में एमएस तथा पीएचडी की थी।
नासा की इंजीनियर डॉ. स्वाति मोहन ने कहा, ‘मंगल ग्रह पर टचडाउन की पुष्टि हो गई है! अब यह जीवन के संकेतों की तलाश शुरू करने के लिए तैयार है.’ जब सारी दुनिया इस ऐतिहासिक लैंडिग को देख रही थी उस दौरान कंट्रोल रूम में स्वाति मोहन जीएन एंड सी सबसिस्टम और पूरी प्रोजेक्ट टीम के साथ कॉर्डिनेट कर रही थीं. भारतीय समय के अनुसार शुक्रवार तड़के करीब 2 बजकर 25 मिनट पर नासा के रोवर ने मंगल ग्रह पर लैंड किया.