दुनियाभर में अब तक कोरोना टीका के करीब 40 करोड़ खुराक दी जा चुकी है. सबसे बड़ी बात यह है कि सस्ते और आसानी से स्टोर किए जाने वाले एस्ट्राजेनेका को गरीब राष्ट्रों का टीका कहा जाने लगा है. इतना ही नहीं, ये टीका कोवैक्स का एक अहम हिस्सा भी बन गया है.
पिछले कुछ महीनों के दौरान दुनिया में नए स्ट्रेन के मामले उजागर हुए हैं. यूके वैरिएन्ट ज्यादा संक्रामक है और दक्षिण अफ्रीका का वैरिएन्ट ज्यादा घातक. नए वैरिएन्ट्स के मामले ब्राजील और भारत से भी आ रहे हैं. इस बीच, कैलिफोर्निया में पहली बार सामने आए कोरोना वायरस के दो स्ट्रेन को सेंटर फोर डिजीज कंट्रोल एंड प्रीवेंशन ने अधिकृत रूप से ‘चिंता के वैरिएन्ट्स’ के तौर पर परिभाषित कर दिया है.
ऐसा करने के पीछे संक्रमण में वृद्धि, अस्पतालों में ज्यादा भर्ती होना, मौत, पूर्व के संक्रमण या टीकाकरण से एंटी बॉडीज के असर में स्पष्ट कमी, इलाज या वैक्सीन का कम प्रभाव या पहचान में विफलता के सबूत को बताया गया है. सीडीसी ने रविवार को खुलासा किया कि परिभाषित वैरिएन्ट्स B.1.427 और B.1.429 करीब 20 फीसद ज्यादा संक्रामक हो सकते हैं.