अयोध्या में राम मंदिर निर्माण की आधारशिला रखने की तारीख और उसके मुहूर्त पर विवाद बढ़ता जा रहा है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने सोमवार को इसे कोरोना से जोड़ दिया।
दिग्विजय ने यहां संवाददाताओं को बताया, ”भारत में हजारों साल की सनातन धर्म की परंपराएं चली आ रहीं हैं। हमारे धर्म में हजारों वर्ष की जो संस्कार एवं संस्कृति है, उसमें चतुर्मास में न कोई संत, न कोई महात्मा अपने स्थान को छोड़ता है और कोई शुभ कार्य नहीं होता है। विशेषकर तो हर चीज के लिए मुहूर्त देखा जाता है।”
दिग्विजय ने कहा, ”मैं द्वारका व जोशीमठ के सबसे वरिष्ठ शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद जी महाराज का दीक्षित शिष्य हूं और उनसे मैंने यह बात पूछी कि जब पूरे देश में यह परंपरा चली आ रही है कि हर शुभ कार्य के लिए मुहूर्त देखा जाता है और चतुर्मास में कोई शुभ कार्य नहीं होता है, शादी नहीं होता है तो फिर राम मंदिर का शिलान्यास पांच अगस्त को चतुर्मास के महीने भादो में क्यों किया जा रहा है?”