गलवान घाटी पर चीन के दावे को भारत ने किया खारिज

गलवान घाटी

न्यूज़ डेस्क: सीमा विवाद के बीच भारत और चीन की सेना गलवान घाटी में हुई हिंसक झड़प के बाद दोनों देशों में तनाव चरम पर है। इस बीच भारत ने पूर्वी लद्दाख में गलवान घाटी पर संप्रभुता को लेकर चीन के दावे को शनिवार को खारिज करते हुए जोर दिया कि चीनी पक्ष की ओर से ”बढ़ा-चढाकर” और झूठे दावे करने के प्रयास स्वीकार्य नहीं हैं।

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने कहा कि गलवान घाटी पर चीन का दावा अतीत की चीन की स्थिति के अनुरूप नहीं है। उन्होंने कहा कि चीनी पक्ष द्वारा अतिक्रमण के किसी भी प्रयास का हमेशा हमारी ओर से उचित जवाब दिया गया है। उन्होंने आगे कहा, ”गलवान घाटी के संबंध में स्थिति ऐतिहासिक रूप से स्पष्ट है। गलवान घाटी में वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) को लेकर चीनी पक्ष की ओर से बढ़ा-चढाकर और झूठे दावे करने के प्रयास स्वीकार्य नहीं है। गलवान पर चीन का दावा अतीत की चीन की स्थिति के अनुरूप नहीं है।” विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता इस मुद्दे पर एक सवाल का जवाब दे रहे थे।  

विदेश मंत्रालय ने कहा कि मई की शुरुआत से ही वहां पर भारत की तरफ से की जा रही पेट्रोलिंग में बाधाएं खड़ी की जा रही थी। जिसका नतीजा इस टकराव के रूप में सामने आया, जिसे कमांडर की स्तर बैठक में सुलझाया गया था।

बता दें कि सोमवार की शाम गलवान घाटी में दोनों देशों की सेनाओं के बीच हुई हिंसक झड़प में 20 सैन्यकर्मी शहीद हो गए थे। चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी ने हताहतों की संख्या अभी तक नहीं बताई है। श्रीवास्तव ने कहा कि भारतीय सेनाएं गलवान घाटी समेत भारत-चीन सीमा क्षेत्रों के सभी सेक्टरों में एलएसी की स्थिति से पूरी तरह परिचित हैं।

LAC पर भारत ने नहीं किया कोई एक्शन

उन्होंने कहा कि भारत ने वास्तविक नियंत्रण रेखा के पार किसी तरह की कोई कार्रवाई नहीं की। उन्होंने कहा कि भारतीय सैनिक लंबे समय से इस इलाके में गश्त करते रहे है और कोई घटना नहीं हुई। श्रीवास्तव ने कहा कि मई के मध्य से भारत-चीन सीमा क्षेत्रों के पश्चिमी सेक्टर के अन्य इलाकों में चीनी पक्ष ने एलएसी के उल्लंघन करने के प्रयास किए। उन्होंने कहा, ”चीनी पक्ष के इन प्रयासों का हमेशा हमारी ओर से उचित जवाब दिया गया है।”

श्रीवास्तव ने कहा कि भारत को उम्मीद है कि चीनी पक्ष दोनों देशों के विदेश मंत्रियों के बीच हाल ही में सीमा क्षेत्रों में शांति सुनिश्चित करने के लिए बनी सहमति का ईमानदारी से पालन करेगा।

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