एम्बर में सुरक्षित मिला डायनासौर का सिर

प्रतीकात्मक चित्र

गभग दस करोड़ वर्ष पुराने एम्बर में अब तक पाए गए सबसे छोटे डायनासौर का सिर सुरक्षित मिला है। रेजि़न में फंसा यह सिर (चोंच सहित) लगभग 14 मिलीमीटर का है। इससे लगता है कि यह डायनासौर बी-हमिंगबर्ड जितना बड़ा रहा होगा। यह सिर जिस डायनासौर समूह का है, माना जाता है कि उससे आधुनिक पक्षियों का विकास हुआ है।

म्यांमार से प्राप्त इस जीवाश्म को ओकुलुडेंटेविस खौंगरेई यानी आई-टूथ बर्ड का नाम दिया गया है। आधुनिक छिपकली की तरह, इसके सिर के दोनों ओर बड़ी-बड़ी आंखें हैं। और इसकी आंखों का छिद्र छोटा है जो आंखों में प्रवेश करने वाली रोशनी को सीमित करता है। इससे लगता है कि यह जानवर दिन में सक्रिय रहता था।

आदिम पक्षियों की तरह ओकुलुडेंटेविस के ऊपरी और निचले जबड़े में नुकीले दांत थे, जिससे लगता है कि यह एक शिकारी जीव था जो कीटों और छोटे अकशेरुकी जीवों का शिकार करता था। नेचर पत्रिका में प्रकाशित शोध में शोधकर्ताओं को लगता है कि डायनासौर की यह प्रजाति द्वीपीय बौनेपन का एक उदाहरण है, जो टापुओं की उस अर्ध वलय पर रहते थे जहां वर्तमान म्यांमार स्थित है।

शोधकर्ताओं का कहना है कि शरीर के बाकी हिस्सों के बिना पक्के तौर पर यह नहीं कहा जा सकता कि ओकुलुडेंटेविस अन्य डायनासौर से कितना करीबी था, या वह उड़ सकता था या नहीं। लेकिन उन्हें लगता है कि यह शायद आर्कियोप्टेरिक्स और जेहोलॉर्निस प्रजाति के पक्षियों के समान है जो लगभग 15 से 12 करोड़ वर्ष पूर्व अस्तित्व में थे। (स्रोत फीचर्स)

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