Tag: Manikarnika ka Antim Sanskaar poem by Hubnath Pandey
मणिकर्णिका का अंतिम संस्कार (कविता) – हूबनाथ पाण्डेय
सदियों से
लाशों का बोझ ढोते-ढोते
थक गई थी
मणिकर्णिका
रुदन शोक यातना
पीड़ा की कर्मनाशा में
बहते-बहते
बहुत दूर निकल आई थी
बहुत दूर
लाशों की राखों के
पहाड़ का सीना चीरकर
पंख फड़फड़ाकर
नई...