कानपुर/बर्रा। देश के विभिन्न धार्मिक मुद्दों को लेकर एक बार फिर से भारत रक्षा मंच ने हुंकार भरी है। धार्मिक और खासकर हिंदुत्व को बढ़ावा देने को लेकर संगठन ने प्रेसवार्ता कर विशेष मुद्दे सामने लाये हैं। जिसमें लव जेहाद समेत मुद्दों पर जोरदार विरोध भी किया है। संगठन के पदाधिकारियों ने देश के धार्मिक मुद्दों पर विशेष ध्यान आकर्षित करने की अपील की है।
इस दौरान देश की आंतरिक सुरक्षा को लेकर भी विशेष मुद्दों पर चर्चा हुई। बर्रा आठ गुजैनी में हुई प्रेस वार्ता के दौरान भारत रक्षा मंच के राष्ट्रीय संगठन मंत्री सुर्यकांत केलकर ने बताया कि वर्तमान समय में धार्मिक मुद्दों को लेकर देश चर्चा में बना हुआ है। एक तरफ लव जेहाद तो दूसरी तरफ हिंदुत्व और देश की आंतरिक सुरक्षा भी अहम चर्चा बनी हुई है। श्री केलकर ने बताया कि बांग्लादेश के घुसपैठियों को लेकर भी अन्य प्रदेशों में तुष्टीकरण की राजनीति की जा रही है।
ऐसे घुसपैठियों की वजह से देश में लगातार मुसलमानों की जनसंख्या बढ़ती जा रही है। पिछले कई वर्षों के दौरान भारत में बड़ी मात्रा में बांग्लादेश से घुसपैठ हुई है। वहाँ पर हुए धार्मिक अत्याचारों की वजह से वहाँ के हिंदू, जैन, बौद्ध, सिख, ईसाई, पारसी आदि अपनी जान और अपना धर्म बचाने के लिए मजबूर होकर भारत आए हैं। भारत रक्षा मंच ने ये भी मांग उठाई कि जो भी शरणार्थी धार्मिक और इस्लामी अत्याचारों से पीड़ित होकर भारत में आए, उन्हें भारत की नागरिकता दी जाए। बीते वर्ष केंद्र सरकार ने भी यही बात को स्वीकारते हुए सीएए को लागू करके उन सभी शरणार्थियों को भारत की नागरिकता बहाल कर दी है।
भारत रक्षा मंच ने देश की आंतरिक सुरक्षा को मजबूत करते हुए केंद्र सरकार के फैसले को स्वीकार करते हुए ये भी कहा कि गैर देशों से जो लोग रोटी रोजी कमाकर अपनी गरीबी दूर करना चाहते हैं, उनके लिए सरकार एक कानून बनाकर उन्हें वर्क परमिट के साथ यहां काम करने दे और एनआरसी के द्वारा इन सब की पहचान की जाएगी। श्री केलकर ने ये भी कहा कि कानून बनाने के बाद भी जिन शरणार्थियों के पास वर्क परमिट नहीं मिला, उन्हें एनआरसी के तहत गलत उद्देश के साथ भारत में चोरी छुपे आने के लिए ही कठोर दंड दिया जाए।
इसके साथ ही देश की आंतरिक सुरक्षा मजबूत होगी और बांग्लादेशी घुसपैठ की समस्या का भी समाधान होगा। वहीं राष्ट्रिय युवा हिन्दू वाहिनी के प्रदेश प्रचारक मनोज गुप्ता उर्फ़ सोनू ने कहा कि देश में जनसंख्या नियंत्रण कानून भी सरकार की प्राथमिकता होनी चाहिए और समान नागरिक कानून भी देश में लागू हो। जिससे बेरोजगारी समेत कई समस्याओं से देश को कुछ हद तक निजात मिल सके। प्रेसवार्ता के दौरान विपिन यादव, पंकज दुबे, लल्लन श्रीवास्तव, सोनू गुप्ता उर्फ़ मनोज समेत अन्य पदाधिकारी मौजूद रहे।