इजराइल के मीडिया संस्थानों की ओर से जारी किए गए चुनाव पूर्वानुमानों के मुताबिक इस बार चुनाव में प्रधानमंत्री नेतन्याहू की किस्मत छोटे दलों के प्रदर्शन पर निर्भर करेगी। उन्हें उस पूर्व सहयोगी दल के भरोसे भी रहना होगा, जिसने उनकी आलोचना की थी हालांकि गठबंधन में शामिल होने से इनकार भी नहीं किया था।
नेतन्याहू, सबसे लंबे समय तक (पांच बार) देश के प्रधानमंत्री रह चुके हैं. वह इजराइल में कोविड-19 टीके की सफलता और अरब देशों के साथ राजनयिक संबंध सुधारने के दम पर चुनाव जीतने का दावा कर रहे हैं. इसके साथ ही राजनीतिक उठापटक से भरे दो साल में पहली बार नेतन्याहू को विपक्षी दलों से कड़े विरोध का सामना करना पड़ रहा है.
जो दो साल से भी कम समय में चौथे चुनाव होंगे। इसे नेतन्याहू पर एक जनमत संग्रह के तौर पर भी देखा जा रहा है। उन्होंने दुनिया के सबसे सफल कोरोना वायरस टीकाकरण अभियान में से एक का नेतृत्व किया है।
विपक्षी दल के नेता याईर लपिड ने रक्षा मंत्री बेनी गांट्ज के सहयोग से पिछले साल चुनाव लड़ा था लेकिन नेतन्याहू और गांट्ज के बीच सत्ता की साझेदारी को लेकर हुए समझौते के बाद वह पीछे हट गए थे. इस बार उन्होंने नेतन्याहू को हराने का दावा करते हुए प्रचार किया है. सर्वेक्षणों में लपिड की पार्टी के दूसरे नंबर पर आने का अनुमान लगाया गया है.