मोदी सरकार का कैबिनेट विस्तार हो गया है। इसमें यूपी से सात सांसदों को मंत्री बनाया गया है पर निषाद पार्टी के अध्यक्ष संजय निषाद के बेटे और संतकबीरनगर से सांसद प्रवीण निषाद को मंत्री नहीं बनाया गया। इस पर संजय निषाद ने नाराजगी जताई है।
उन्होंने कहा कि सांसद प्रवीण निषाद मेरे पुत्र जरूर हैं लेकिन वह भाजपा के सांसद हैं। प्रवीण की लोकप्रियता को देखते हुए उनको मंत्रिमंडल में जगह जरूर मिलनी चाहिए थी। उन्होंने कहा कि अगर कुछ सीटों पर प्रभाव रखने वाले अपना दल की अनुप्रिया पटेल को मंत्रिमंडल में जगह मिल सकती है तो 160 सीटों पर प्रभाव रखने वाले निषाद समाज के बेटे को भी मौका दिया जाना चाहिए।
उन्होंने कहा कि पहले से ही निषाद समाज भाजपा से कटा-कटा नजर आ रहा है और अगर भाजपा अपनी गलती नहीं सुधारती है तो इसकी कीमत उसे 2022 के विधानसभा चुनाव में चुकानी पड़ सकती है।
उन्होंने कहा कि अभी तो हम भाजपा के साथ हैं लेकिन अगर भाजपा ऐसे ही निषादों की अनदेखी करती है तो आने वाले समय में हम अपनी रणनीति पर फिर से विचार करेंगे।
बता दें कि पहले दिए गए बयान में संजय निषाद ने कहा था कि भाजपा ने हमें एक कैबिनेट पोस्ट और एक राज्यसभा सीट देने का वादा किया था। हमारी मांग है कि आगामी चुनाव में भाजपा की तरफ से मुझे उप मुख्यमंत्री का चेहरा बनाया जाए। अगर भाजपा ऐसा करती है इससे चुनाव में फायदा मिलेगा और हमारी सरकार बनेगी। उन्होंने केंद्रीय कैबिनेट मं मंत्री पद की उम्मीद की थी पर उन्हें निराशा हाथ लगी।
संजय निषाद ने दावा किया था कि यूपी की 144 से अधिक विधानसभा की सीटों पर निषाद व उनकी अन्य उपजातियों का दबदबा है। यही जाति भाजपा को विजय दिलाती हैं। संजय निषाद ने गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात की थी और अपनी मांगें रखी थी।