Lord Vishwakarma Pooja: कन्या संक्रांति भाद्रपद मास के दिन भारत देश में विश्वकर्मा जयंती मनाई जाती है. इस दिन श्रमिक वर्ग, कुम्हार, कास्तकार, मैकेनिक और कलपुर्जे चलाने वाले लोग भगवान विश्वकर्मा की पूजा करते हैं. इस दिन यांत्रिक कार्य नहीं किया जाता है. पूजा के बाद ही दोबारा काम शुरू करते हैं.
संसार के पहले इंजीनियर-वास्तुकार
भगवान विश्वकर्मा को दुनिया को सबसे पहला इंजीनियर और वास्तुकार माना जाता है. इसलिए इस दिन उद्योगों, फैक्ट्रियों और हर तरह के मशीन की पूजा की जाती है. सनातन धर्म में विश्वकर्मा भगवान को निर्माण और सृजन का देवता माना जाता है.
विश्वकर्मा जयंती के दिन भगवान विश्वकर्मा की पूजा होती है. यह हर साल कन्या संक्रांति के दिन ही मनाई जाती है.
भगवान विश्वकर्मा की धार्मिक मान्यता
धार्मिक मान्यता है कि इस दिन भगवान विश्वकर्मा की विधिवत्त पूजा-अर्चना करने से व्यापार में बढ़ोतरी होती है और मुनाफा होता है. विश्वकर्मा को दुनिया का पहला इंजीनियर माना जाता है.
उन्होंने ही ब्रह्मा जी के साथ मिलकर सृष्टि रचाई थी पौराणिक कथाओं के अनुसार विश्वकर्मा भगवान ने ही देवताओं के लिए अस्त्र, शस्त्र, भवनों और मंदिरों का निर्माण किया था,
बता दें कि विश्वकर्मा भगवान की पूजा सभी कलाकारों, शिल्पकारों और औद्योगिक घरानों से जुड़े लोग करते हैं.