मुंबई: राज्य के स्कूली शिक्षा विभाग ने सभी स्कूलों को निर्देश दिया है कि लॉकडाउन में ऑनलाइन टीचिंग के कारण स्कूलों की जिन सुविधाओं का उपयोग नहीं किया जा रहा है, उनकी फीस विद्यार्थियों से न वसूली जाए। विभाग ने कहा है कि एग्जिक्यूटिव पैरंट टीचर असोसिएशन (इप्टा) इस बारे में प्रस्ताव पास करे।
महाराष्ट्र सरकार के एक शासनादेश में कहा गया है कि 2020-2021 के शैक्षणिक वर्ष के लिए किसी भी तरह की फीस वृद्धि न की जाए। शासनादेश में कहा गया है कि यह आदेश सभी बोर्डों के और सभी माध्यम के पूर्व प्राथमिक कक्षाओं से लेकर बारहवीं कक्षा तक के विद्यार्थियों के लिए लागू होगा।
स्कूल शिक्षा मंत्री वर्षा गायकवाड़ ने पहले संकेत दिया था कि महाराष्ट्र सरकार जल्द ही स्कूलों को मौजूदा कोरोनोवायरस संकट के मद्देनजर जून 2020 से शुरू होने वाले शैक्षणिक वर्ष के लिए फीस नहीं बढ़ाने का आग्रह करेगी।
इस फैसले से पेरेंट्स को काफी राहत मिलेगी, क्योंकि महामारी ने सभी की कमाई को प्रभावित किया है, जिससे रोजगार का नुकसान हुआ है और बड़ी संख्या में लोगों के वेतन में कटौती भी हुई है।