मुंबई: महाराष्ट्र राज्य शिक्षक सेना के नेतृत्व में कल पश्चिम विभाग, जोगेश्वरी (पूर्व), मुंबई में शिक्षकों की नौकरियों की सुरक्षा के लिए एक तीव्र धरना आंदोलन आयोजित किया गया। यह आंदोलन शिक्षण निरीक्षक कार्यालय, जोगेश्वरी (पूर्व) के सामने दोपहर 2 बजे से 5 बजे तक हुआ। इस आंदोलन का नेतृत्व महाराष्ट्र राज्य शिक्षक सेना के अध्यक्ष एवं शिक्षक विधायक ज.मो.अभ्यंकर के मार्गदर्शन में किया गया, जिसमें बड़ी संख्या में शिक्षक, शिक्षकेतर कर्मचारी, मुख्याध्यापक और शिक्षक सेना के कार्यकर्ता एवं पदाधिकारी शामिल हुए।
धरना आंदोलन के प्रमुख मुद्दे ➡
- 15 मार्च 2024 के अन्यायपूर्ण शासन निर्णय को रद्द करना।
- शिक्षकों और विद्यार्थियों के भविष्य को अंधकार में डालने वाले नियमों का विरोध।
- ग्रामीण क्षेत्रों की जिला परिषद प्राथमिक मराठी माध्यम स्कूलों को बचाने की मांग।
- शिक्षकों की हजारों नौकरियों को अतिरिक्त होने से बचाने की जरूरत।
- 6वीं से 8वीं तक की कक्षाओं में 19 विद्यार्थियों से कम होने पर शिक्षक पद की मान्यता न देने वाले कठोर नियम का विरोध।
- मुख्याध्यापक पदों के अतिरिक्त होने की समस्या का समाधान।
- ग्रामीण क्षेत्रों में 6वीं से 8वीं तक की शालाओं को बंद होने से रोकना।
शिक्षक विधायक ज.मो.अभ्यंकर ने इस अवसर पर कहा कि यह आंदोलन केवल शिक्षकों की नौकरियों के लिए नहीं, बल्कि विद्यार्थियों के भविष्य की रक्षा के लिए भी है। उन्होंने सभी शिक्षकों से अपील की कि वे इस अन्यायकारी शासन निर्णय के खिलाफ एकजुट होकर संघर्ष करें। धरना प्रदर्शन के दौरान शिक्षण निरीक्षक संजय जावीर को एक ज्ञापन सौंपा गया, जिसमें शिक्षकों ने अपने हस्ताक्षर कर अन्यायपूर्ण शासन निर्णय का विरोध जताया। यह ज्ञापन विधायक ज.मो.अभ्यंकर के नेतृत्व में सौंपा गया।
इस आंदोलन में शिक्षक सेना के राज्य सरचिटणीस प्रकाश शेळके, प्रादेशिक सचिव मुकेश शिरसाट, मुंबई विभाग अध्यक्ष अजित चव्हाण, मुंबई विभाग महिला आघाड़ी अध्यक्ष मानसी चाळके, मुंबई पश्चिम विभाग अध्यक्ष हितेंद्र चौधरी, क.म.वि. मुंबई पश्चिम अध्यक्ष सचिन जाधव, रात्रि शाला विभाग अध्यक्ष ज्ञानेश्वर ठाकरे, सहसचिव संतोष शेलार, दीपक डोंगरदिवे, विजयकुमार सिंह, महिला आघाड़ी प्रतिनिधि स्मिता चेट्टीयार, रात्रि शाला विभाग से सर्जेराव पाटील, दर्शना पांडव, प्राची राऊत, सोलापुर रात्रि शाला विभाग से मुसंगे, एच वॉर्ड अध्यक्ष मंगेश पवार, अल्पसंख्यांक विभाग से मुनाफ शहापुरे, दिंडोशी विभाग से मुश्ताक खान, सुरेंद्र रायबोले, दिलीप पुंडकर, कालिना विभाग समन्वयक रामदास माळी तथा अन्य पदाधिकारी एवं बड़ी संख्या में शिक्षक सेना कार्यकर्ता उपस्थित रहे।
इस आंदोलन में असंख्य शिक्षक, शिक्षकेतर कर्मचारी और शिक्षक सेना के कार्यकर्ताओं ने भाग लिया। आंदोलनकारियों ने संकल्प लिया कि जब तक शिक्षकों की नौकरियां सुरक्षित नहीं होतीं और विद्यार्थियों के हितों की रक्षा नहीं होती, तब तक संघर्ष जारी रहेगा।