आनंदप्रकाश शर्मा | NavprabhatTimes.com
मुंबई के आज़ाद मैदान में मंगलवार को सरकार के खिलाफ मुंबई के शिक्षकों ने एक मोर्चा निकाला गया। शिक्षकों द्वारा निकाला गया यह मोर्चा उनका वेतन यूनियन बैंक से मुंबई मध्यवर्ती सहकारी बैंक से देने के फैसले के विरोध में था। महाराष्ट्र राज्य शिक्षक सेना द्वारा आयोजित इस मोर्चे को लेकर शिक्षकों का कहना है कि मुंबई के २७ हजार शिक्षकों का वेतन २०११ से यूनियन बैंक से दिया जा रहा है, जिस बैंक से शिक्षकों को अभी तक किसी प्रकार की तकलीफ नहीं हुई। लेकिन महाराष्ट्र सरकार ने ३ जून को एक सर्कुलर जारी कर मुंबई के सभी शिक्षकों का वेतन १ जुलाई से यूनियन बैंक की बजाय मुंबई मध्यवर्ती सहकारी बैंक से दिए जाने की बात कही है।
मोर्चे में शामिल महाराष्ट्र राज्य शिक्षक सेना मुंबई अध्यक्ष अजित चव्हाण का कहना है कि सरकार जिस मध्यवर्ती सरकारी बैंक से उनका वेतन देने की बात कर रही है, उस बैंक पर लोगो के साथ करोड़ों रुपए की धोखाधडी करने का आरोप लग चुका का है। इसके बाद भी सरकार उस बैंक से उनका वेतन देने को लेकर जो फैसला लिया जो गलत है। इस बैंक को लेकर उन्हें डर है कि उनके और उनके लोगो का वेतन यदि उस बैंक से दिया जाता है, तो आने वाले दिनों में बैंक उनके साथ भी धोखाधडी कर सकती है। साथ ही समय पर उन्हें वेतन मिलना भी बंद हो जाएगा। इसलिए वे चाहते हैं कि उन्हें यूनियन बैंक से ही वेतन दिया जाय।
इस मोर्चे में महाराष्ट्र राज्य शिक्षक सेना अध्यक्ष ज.मो.अभ्यंकर, महाराष्ट्र राज्य शिक्षक सेना मुंबई अध्यक्ष अजित चव्हाण, विधायक श्रीकांत देशपांडे, शिवसेना प्रवक्ता मनीषा कायंदे, मुकेश शिरसाट ,शिवाजी शिंडगे, दिनेश गायकवाड, मानसी चालक, नितीन चौधरी, संध्या महाडिक, दिनेश शर्मा, मुकेश यादव आदि लोग शामिल हुए।