कृषि कानूनों के विरुद्ध किसानों का प्रदर्शन चल रहा है। बीते लगभग एक हफ्ते से दिल्ली की सीमाओं पर हजारों की संख्या में किसान जुटे हुए हैं। भारत सरकार और किसान संगठनों के मध्य बीते कल बातचीत भी हुई, किन्तु उसमें कोई ठोस नतीजा नहीं निकल पाया।
राकेश टिकैत ने इशारा दिया कि आंदोलन 26 जनवरी तक चल सकता है. उन्होंने एक बात और कही कि दिल्ली की फूड चैन और जरूरी सामान की सप्लाई नहीं रोकी जाएगी.
राकेश टिकैत ने कहा कि सरकार इतनी जल्दी नहीं मानने वाली, हम 26 जनवरी तक का टारगेट लेकर चल रहे हैं, उससे पहले सरकार नहीं मानेगी. वह बोले कि 30 साल पहले जिस तरह से महेन्द्र सिंह टिकैत ने किसान आंदोलन किया था उसी के तर्ज पर इसे भी किया जाएगा.
लिहाजा किसानों ने बोला है कि उनका आंदोलन तबतक चलता रहेगा, जबतक कि ये कानून वापस नहीं हो जाते हैं। वहीं इस बीच केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और पीयूष गोयल ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की है।
किसान विरोध प्रर्दशन के अलग-अलग तरीके अपना रहे हैं. किसान अपने मवेशी लेकर दिल्ली बॉर्डर पर पहुंच गए हैं, गाजीपुर बॉर्डर पर बेरिकेडिंग के पास दो गायों को लाकर बांध दिया गया है. किसानों का कहना है कि अगर मांगे नहीं मानी तो वो अपने सभी पशुओं को लेकर सीमाओं पर आ जाएंगे.