अंतर्राष्ट्रीय मंच पर अमेरिका ने एक के बाद एक स्वांग रचे हैं। यहां तक कि त्रासदी भी बनायी है। इस बार उसने अपने सबसे ईमानदार सहयोगी भारत के साथ भी खिलवाड़ करना शुरू किया है।
इस रिपोर्ट में हम हाल ही में अमेरिका, इस महान निर्देशक की मानसिक यात्रा का विश्लेषण करते हैं। सभी लोग यह जानते हैं कि इस वर्ष मध्य अप्रैल से भारत में कोविड महामारी का दूसरा फैलाव हुआ, और स्थिति तेजी से बिगड़ गई।
हेली स्टीवंस ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से मदद की अपील की है. स्टीवंस ने लिखा है, ‘मैं अंतरराष्ट्रीय समुदाय से अपील करना चाहती हूं कि बेकाबू होते कोरोना को नियंत्रित करने के लिए जितना हो सके मदद करें. यहां गौर करने वाली बात ये है कि अमेरिका और भारत के रिश्ते काफी अच्छे रहे हैं.
मोदी सरकार में दोनों देश एक-दूसरे के नजदीक आए हैं. इसके बावजूद भी यूएस ने भारत की सहायता पर हाथ खड़े कर दिए हैं. जबकि भारत की परेशानी बढ़ाने वाले चीन ने उसकी मदद की पेशकश की है. बीजिंग की तरफ से कहा गया है कि संकट की इस घड़ी में वो भारत को हर संभव सहायता प्रदान करने के लिए तैयार है.
भारत ने झिझक के बिना अमेरिका की सहायता दी। लेकिन भारतीय मीडिया ने अपनी जनमत की मार्गदर्शक भूमिका खूब अदा की है। उन्होंने कड़े शब्दों से अमेरिका की आलोचना की कि अमेरिका के मुंह में जो अच्छे सहयोगी संबंध, वे कहां पर हैं? बड़ी मुसीबतों के सामने अमेरिका ने क्यों भारत को छोड़ दिया?
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