प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी दिसंबर के पहले पखवाड़े में नए संसद भवन का शिलान्यास कर सकते हैं। सूत्रों ने मंगलवार को बताया कि संसद परिसर में महात्मा गांधी और भीमराव अंबेडकर सहित लगभग पांच प्रतिमाओं को निर्माण कार्य के कारण अस्थायी रूप से स्थानांतरित किए जाने की संभावना है और परियोजना के पूरा होने पर नए परिसर के भीतर प्रमुख स्थानों पर इन प्रतिमाओं को फिर से स्थापित कर दिया जाएगा।
92 साल पहले यानी भारत की गुलामी के दौर में जब यह भवन बनकर तैयार हुआ था तब इसकी लागत कुल 83 लाख रुपये आई थी. लेकिन अब नई बिल्डिंग बनाने में कितने सौ करोड़ का खर्च आएगा, यह अभी तक तय नहीं है. इसका डिजाइन ब्रिटिश आर्किटेक्ट एडविन लुटियन (Edwin Lutyens) और हर्बर्ट बेकर (Herbert Baker) ने तैयार किया था.
इसके आर्किटेक्ट भले ही विदेशी थे लेकिन निर्माण भारत की ही सामग्री से हुआ. बनाने वाले श्रमिक भारतीय ही थे.नए संसद भवन की आधारशिला रखने की प्रस्तावित तिथि 10 दिसंबर के आसपास है. लेकिन अंतिम तिथि प्रधानमंत्री की समय उपलब्धता पर निर्भर करेगी. योजना के अनुसार, नए संसद भवन में सभी सांसदों के लिए अलग-अलग कार्यालय होंगे.