कोरोना वायरस और सुरक्षा जोखिम के बीच पोप फ्रांसिस की ऐतिहासिक इराक यात्रा से ईसाई समुदाय उत्साहित

पोप फ्रांसिस (Pope Francis) 5 मार्च 2021 को इराक की यात्रा  कर रहे हैं. पोप की इराक की पहली यात्रा का लक्ष्य देश और मध्यपूर्व में रहने वाले ईसाई अल्पसंख्यकों को नैतिक समर्थन मुहैया कराना है. साथ ही मुस्लिम दुनिया के साथ वेटिकन के रिश्तों को नया आयाम देना है.
पोप का इराक के सबसे सम्मानित शिया मुस्लिम धर्मगुरू से मुलाकात, मोसुल में प्रार्थना सभा में शिरकत और स्टेडियम में जनसभा को संबोधित करने का भी कार्यक्रम है. आतंकवादी हमलों से जूझ रहे देश और कोरोना वायरस मामलों में वृद्धि के बीच पोप की यात्रा पर चिंता जताई जा रही है.

इराक समेत वेटिकन के पादरियों ने यात्रा के समय को अनुपयुक्त बताया है और उम्मीद की है कि पोप उसे स्थगित करेंगे. लेकिन उन्होंने वैश्विक मंच पर वापसी के लिए प्रतिबद्धता जताई है. पिछले साल मार्च में जब रोम और इटली में पहली बार लॉकडाउन लगाया था, तो उन्होंने खेद व्यक्त करते हुए ‘पिंजरे में पोप’ होना कहा था.

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