बीते 100 दिन से अधिक समय से भारत में चल रहे किसान आंदोलन को लेकर ब्रिटेन की संसद में भी चर्चा हुई। आंदोलन कर रहे किसानों की सुरक्षा और मीडिया की स्वतंत्रता को लेकर भारत सरकार पर दबाव बनाने के लिए ब्रिटेन की संसद में डाली गई याचिका के बाद यह चर्चा हुई है। जानकारी के मुताबिक, इस याचिका पर एक लाख से अधिक लोगों ने हस्ताक्षर किए थे।
दरअसल किसान आंदोलन पर ब्रिटेन की संसद में एक पेटिशन पर लाखों साइन हुए. जिसके बाद इस मुद्दे पर कल संसद में बहस हुई. भारतीय उच्चायोग ने बयान जारी करके कहा कि ब्रिटेन की संसद में जो बहस हुई, वह बिना तथ्यों के की गई. भारत दुनिया का सबसे बड़ा लोकतांत्रिक देश है, ऐसे में भारत के आंतरिक मुद्दे पर चर्चा करना निंदनीय है.
ब्रिटिश सरकार में मंत्री नाइजर एडम्स ने भारत-ब्रिटेन की दोस्ती काफी पुरानी है. दोनों ही देश आपसी सहयोग से द्विपक्षीय और अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर चर्चा के लिए तैयार हैं. एडम्स ने उम्मीद जताई कि जल्द ही भारत सरकार और आंदोलन कर रहे किसान संगठनों के बीच बातचीत के जरिए कोई सकारात्मक परिणाम निकलेगा.