यहाँ जानिए आखिर किन नेताओं ने किसानों की भीड़ को लाल किला की तरफ जाने के लिए था उकसाया?

गणतंत्र दिवस पर किसानों द्वारा ट्रैक्टर परेड के दौरान हुई हिंसा के बाद स्थिति अब नियंत्रण में है. सिंघु, टीकरी और गाजीपुर बॉर्डर से शुरु हुई ट्रैक्टर रैलियों में शामिल ट्रैक्टरों का बॉर्डर पर पहुंचना शुरु हो गया है. आईटीओ पर भी किसान इकट्ठा हो गये थे जो अब खाली करा लिया गया है.

उग्र प्रदर्शनकारियों ने लाल किले में घुसकर जमकर उत्पाद मचाया। पुलिसकर्मियों पर पथराव किया। डीटीसी की बसों में तोड़फोड़ की। लाल किले की प्रचीर पर  अपना झंडा फहराया।

आईटीओ पर भी किसान इकट्ठा हो गये थे जो अब खाली करा लिये गए है. लाल किले पर भी जमा हुए किसान हटा लिये गये है.  माहौल इतना बेकाबू होते दिखा कि उपद्रवियों से बचने के लिये लाल किले की दीवारों से कूदने को तमाम पुलिसकर्मी मजबूर हो गये थे. इस दौरान उन्हें कई चोटें आयी.

दिल्ली पुलिस ने करीब दो सौ से ज्यादा सीसीटीवी कैमरों की फुटेज जुटाई है। इसके अलावा पुलिस ने किसानों की उग्रता वाली घटनाओं का वीडियो भी बनाया है। एक बड़े पुलिस अधिकारी ने यह पुष्टि की है।

इस बात की पूरी संभावना है कि आने वाले दिनों में बड़े पैमाने पर उन किसानों की गिरफ्तारी हो, जिन पर तोड़फोड़ करने, पुलिस पर हमला करने, लालकिला में जबरन घुस कर निजी संगठन का झंडा फहराने और पुलिस द्वारा तय शर्तों का उल्लंघन करने का आरोप है।

सिंघु बोर्डर पर वैसे तो अब रोज की तरह हालात सामान्य हो चुका है. लेकिन ये समझना बहुत जरूरी है कि इन किसानों को लाल किला की तरफ जाने को किसने भड़काया था और कैसे इतनी भारी तादाद में किसान वहां तक पहुंचे.

किसानों से जब ये पूछा गया कि प्रदर्शनकारी किसान तय रूट को छोड़ कर लाल किला कैसे पहुंचे तो उन्होंने खुद बताया कि दीप सिद्धू और लाखा सिधाना नाम के दो किसान नेताओं ने युवाओं को लेकर लाल किला बढ़ने के लिए कहा था.

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