दिल्ली के अस्पतालों में बेड और ऑक्सीजन की कमी को लेकर हाई कोर्ट में आज (मंगलवार) को भी सुनवाई हुई। दिल्ली स्थित महाराजा अग्रसेन अस्पताल की ओर से पेश वकील आलोक अग्रवाल ने हाई कोर्ट को केजरीवाल सरकार के उस आदेश से अवगत कराया जिसमें किसी भी हॉस्पिटल को आपातकालीन रोगियों के लिए 10-15 मिनट के भीतर उपस्थित होकर उन्हें ऑक्सीजन और दवाइयां देना अनिवार्य बताया गया है।
हाईकोर्ट ने कहा कि दफ्तर में बैठा एक बाबू ये तय नहीं कर सकता कि हॉस्पिटल को कितनी ऑक्सीजन की जरूरत है. दिल्ली सरकार के चीफ सेकेट्री ने कहा कि हम चाहते हैं कि हॉस्पिटल निश्चित रहें, सप्लायर्स को अब पता है कि उनके पास कितने टैंकर है. अगले तीन दिन तक कितने यहां आने वाले हैं, आप इसकी लिस्ट आप हमें रोजाना दें.
तब हम तीन दिनों का ऑक्सीजन का कोटा फिक्स करेंगे. आज शाम तक हम उपलब्ध डेटा के अनुसार कोटे का आदेश पास करने वाले हैं. अगर हॉस्पिटल को दिक्कत होगी, तो उसमें बदलाव किया जा सकता है.