FATF की ग्रे लिस्ट में फंसे पाकिस्तान की बढ़ी और मुश्किलें, ब्लैक लिस्ट में बने रहने के आसार

Pakistan’s Prime Minister Imran Khan attends a session during the Shanghai Cooperation Organisation (SCO) summit in Bishkek, Kyrgyzstan June 14, 2019. Sputnik/Alexei Druzhinin/Kremlin via REUTERS ATTENTION EDITORS - THIS IMAGE WAS PROVIDED BY A THIRD PARTY. EDITORIAL USE ONLY.

आंतकवाद वित्त पोषण के मामले में फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (FATF) की ग्रे लिस्ट में फंसे पाकिस्तान की मुश्किलें और बढ़ने के आसार हैं। अगले महीने होने जा रही FATF की मीटिंग में भी पाकिस्तान के इस ग्रे लिस्ट से निकलने की कोई उम्मीद नहीं है क्योंकि इमरान खान सरकार अब भी हाफिज सईद के जमात-उद-दावा (JuD) और जैश-ए-मोहम्मद (JeM) के खिलाफ ठोस कार्रवाई नहीं कर रही है।

अदालत के फैसले के बाद मुजाहिद और इकबाल को अब 80 और 50 वर्ष तक जेल में रहना होगा। एटीसी-2 के न्यायाधीश अरशद हुसैन भुट्टा ने फैसला सुनाया। सुनवाई के दौरान तीनों दोषी अदालत में मौजूद थे। पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में जेयूडी नेताओं पर करीब 41 मामले दर्ज हैं जिसमें 37 पर सुनवाई पूरी हो चुकी है।

चीन-पाकिस्तान इकनॉमिक कॉरिडोर (सीपीईसी) पर पाकिस्तान सरकार की कोई प्रतिक्रिया न आने के चलते शुक्रवार को विपक्षी दल सीनेट (उच्च सदन) से वॉकआउट कर गए। इसके अलावा विपक्षी दलों ने सेवानिवृत्त ले. जनरल सलीम बाजवा की चीन के राजनयिक के साथ बातचीत को लेकर भी सवाल उठाया।

इस पोस्ट पर अपनी प्रतिक्रिया दें