किसान आंदोलन पर राज्यसभा में विपक्षी सदस्यों के बीच छिड़ा दंगल, दिन भर के लिए स्थगित हुई कार्यवाही

लोकसभा  और राज्यसभा में बजट सत्र जारी है. राज्यसभा की कार्यवाही सुबह नौ बजे शुरू हो चुकी है. कई सांसदों ने विभिन्न मामलों में जीरो ऑवर नोटिस भी दिया है. राज्यसभा के सभापति एम. वेंकैया नायडू ने सदन में कहा कि किसानों के विरोध पर चर्चा आज नहीं कल होगी.

इससे पहले शून्यकाल शुरू होने पर सभापति ने बताया कि आंदोलन पर चर्चा के लिए उन्हें नियम 267 के तहत नेता प्रतिपक्ष गुलाम नबी आजाद, तृणमूल कांग्रेस के सुखेंदु शेखर राय, द्रमुक के तिरूचि शिवा, वाम सदस्य ई करीम और विनय विश्वम सहित कई सदस्यों के नोटिस मिले हैं. इस नियम के तहत सदन का सामान्य कामकाज स्थगित कर जरूरी मुद्दे पर चर्चा की जाती है. लिहाजा किसानों के मुद्दे पर सदस्य अपनी बात कल राष्ट्रपति अभिभाषण पर चर्चा के दौरान रख सकते हैं.

उन्होंने सदस्यों से संक्षिप्त में अपनी बात कहने को कहा. सुखेंदु शेखर राय, करीम, विनय विश्वम, शिवा के अलावा राजद के मनोज झा, बसपा के सतीश चंद्र मिश्रा, सपा के रामगोपाल यादव आदि सदस्यों ने किसानों के आंदोलन का जिक्र किया और इस पर चर्चा कराने की मांग की. सभापति ने शून्यकाल में व्यवस्था देते हुए कहा कि इस मुद्दे को कल राष्ट्रपति अभिभाषण पर चर्चा के दौरान उठाया जा सकता है.

नेता प्रतिपक्ष गुलाम नबी आजाद ने कहा कि मामला गंभीर है और किसान महीनों से आंदोलन कर रहे हैं, इसलिए इस मामले पर चर्चा होनी चाहिए. यही बात बसपा नेता सतीश चंद्र मिश्रा ने भी कही. विपक्ष ने राज्यसभा के कामकाज को स्थगित करने और कृषि कानूनों को निरस्त करने की भी मांग की. इससे पहले, शुक्रवार को 18 विपक्षी दलों ने राष्ट्रपति के अभिभाषण का बहिष्कार किया था.

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