म्यांमार में लोकतंत्र समर्थक आंदोलनकारियों पर सैनिक शासन की जारी बर्बरता के बीच बड़ी संख्या में वहां से लोगों का पलायन शुरू हो गया है। वहां से भाग रहे दर्जनों लोग भारत की सीमा में प्रवेश कर चुके हैं। उससे भी ज्यादा संख्या में लोग इसी मकसद से सीमा के आसपास मौजूद हैं। जानकारों ने कहा है कि अब हालात ऐसे हो गए हैं कि पिछले वर्षों में रोहिंग्या और दूसरे अल्पसंख्यकों के साथ जो हुआ, वह अब देश की बहुसंख्यक आबादी के साथ दोहराया जाता लग रहा है।
सबसे बड़ा प्रदर्शन म्यांमार के दूसरे बड़े शहर मांडले में हुआ. यंगून, भारतीय सीमा के पास स्थित कालाय और दक्षिण में तटीय शहर दावी में भी विरोध प्रदर्शन हुए. प्रदर्शन में हिंसा की कोई जानकारी नहीं आई है.
स्थानीय निवासियों के अनुसार रविवार के शुरुआती घंटों में सैनिकों और पुलिस ने यंगून के कई जिलों में गोलीबारी की. उन्होंने बताया कि क्युकटाडा टाउनशिप में कम से कम तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया है और उन्हें गिरफ्तारी का कारण नहीं बताया गया.
संसद के सदस्य रहे सिथु माउंग ने एक फेसबुक पोस्ट में कहा कि सैनिक सू की की नेशनल लीग फॉर डेमोक्रेसी के लिए काम कर चुके एक वकील की भी तलाश में भी आए थे लेकिन उन्हें ढूंढ नहीं पाये.