देश में कोविड के बिगड़ते हालात पर सुप्रीम कोर्ट ने आज स्वतः संज्ञान लिया. कोर्ट ने मसले पर एक स्पष्ट राष्ट्रीय योजना की ज़रूरत बताई है. मामले को कल सुनवाई के लिए लगाते हुए कोर्ट ने 4 बिंदुओं पर केंद्र सरकार से जवाब मांगा है. साथ ही अपनी सहायता के लिए वरिष्ठ वकील हरीश साल्वे को एमिकस क्यूरी भी नियुक्त किया है.
प्रधान न्यायाधीश एस ए बोबडे, न्यायमूर्ति एल नागेश्वर राव और न्यायमूर्ति एस आर भट की तीन सदस्यीय पीठ ने गंभीर स्थिति का स्वत: संज्ञान लेते हुए कहा कि वह देश में कोविड-19 टीकाकरण के तौर-तरीके से जुड़े मुद्दे पर भी विचार करेगी। पीठ ने कहा कि वह वैश्विक महामारी के बीच लॉकडाउन घोषित करने की उच्च न्यायालयों की शक्ति से जुड़े पहलू का भी आकलन करेगी।
उसने सिर्फ ऑक्सीजन प्लांंट को खोलने की अनुमति मांगी है ताकि मौजूदा संकट केे दौर में देश की सहायता की जा सके. लेकिन तमिलनाडु सरकार इसकी अनुमति नहीं दे रही है. इस पर सुप्रीम कोर्ट ने कंपनी की मंशा को सही बताते हुए तमिलनाडु सरकार से कल तक इस पर स्पष्ट जवाब देने को कहा.
इसने कहा कि कम से कम छह उच्च न्यायालय कोविड-19 संबंधित मुद्दों की सुनवाई कर रहे हैं जिससे अलग-अलग प्राथमिकताओं के आधार पर भ्रम पैदा हो सकता है और संसाधन भी अलग-अलग दिशा में लगेंगे। शीर्ष अदालत ने स्वत: संज्ञान की कार्यवाही में उसकी मदद के लिए वरिष्ठ अधिवक्ता हरीश साल्वे को न्याय मित्र नियुक्त किया है।