ब्रिटेन फिलहाल कोरोना संकट में अपनी घरेलू जरूरतों को पूरा करने के लिए संघर्ष कर रहा है। ऐसे में उसके पास कोरोना वैक्सीन की सरप्लस डोज नहीं है, जिसे इस स्थिति में भारत समेत किसी अन्य देश के साथ शेयर किया जा सके।
ब्रिटेन से Lufthansa फ्लाईट मंगलवार की सुबह 100 वेंटिलेटर्स और 95 ऑक्सीजन कंसेंट्रेटर्स लेकर भारत पहुंचा है.अमेरिका ने वैक्सीन के निर्माण के लिए कच्चे माल के निर्यात पर पाबंदी हटा दिया है. कच्चे माल की किल्लत के चलते वैक्सीन की उपलब्धता पर संकट के बादल मंडरा रहे थे.
डाउनिंग स्ट्रीट ने यह बात कही। भारत में कोरोना वायरस की दूसरी लहर का जिक्र करते हुए ब्रिटिश पीएम बोरिस जॉनसन के प्रवक्ता ने कहा कि हमारी तरफ से भारत को 495 ऑक्सीजन कन्सनट्रेटर्स, 120 नॉन-इनवेजिव वेंटिलेटर्स और 20 मैन्युअल वेंटिलेटर्स की सप्लाई की जा रही है।
अब उम्मीद जताई जा रही है कि 1 मई से युवाओं को भी वैक्सीनेशन कार्यक्रम से जोड़ने पर जल्द ही महामारी पर अंकुश लगाया जा सकेगा क्योंकि कच्चा माल मिलने पर वैक्सीन उपलब्ध हो सकेगा. इसके अलावा सोमवार 26 अप्रैल को अमेरिका से 318 ऑक्सीजन कंसेट्रेटर्स भारत पहुंच चुका है.