केंद्र सरकार ने भारत के मुख्य न्यायाधीश एसए बोबडे से उनके उत्तराधिकारी का नाम मांगा है, जो अयोध्या में रामजन्मभूमि मामले और पटाखों की बिक्री पर प्रतिबंध सहित कई ऐतिहासिक फैसलों में शामिल थे! उनकी सेवानिवृत्ति में एक महीने से भी कम समय बचा है, सरकार ने एक नया मुख्य न्यायाधीश नियुक्त करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है! सरकार ने उनसे अपने उत्तराधिकारी के नाम की सिफारिश करने को कहा है!
वैसे रमना 17 फरवरी 2014 को सुप्रीम कोर्ट के जज बने थे. वहीं हैरान करने वाली बात ये है कि आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री जगनमोहन रेड्डी ने हाई कोर्ट में जस्टिस रमना के दखल करने को लेकर शिकायत की थी. लेकिन अब जब खुद CJI बोबडे ने उनके नाम की सिफारिश की है तो साफ है कि उन्होंने शिकायत को खारिज कर दिया है.
पिछले साल कानून मंत्रालय ने सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट के जजों की सैलरी में करीब 200 फीसदी तक की बढ़ोत्तरी की थी. इस बढ़ोत्तरी के बाद CJI की सैलरी अब ₹ 2,80,000 रुपए प्रति महीना हो गई है. जबकि पहले CJI की सैलरी 1 लाख रुपए महीने थी.
CJI बोबडे के बाद जस्टिस एनवी रमण शीर्ष अदालत में सबसे वरिष्ठ न्यायाधीश हैं। 27 अगस्त, 1957 को जन्मे जस्टिस रमण का 26 अगस्त, 2022 तक शीर्ष अदालत में न्यायाधीश के रूप में कार्यकाल है! मुख्य न्यायाधीश बोबडे ने 18 नवंबर, 2019 को देश के 47 वें मुख्य न्यायाधीश के रूप में शपथ ली!