बांग्लादेश की एक अदालत ने 20 साल पहले प्रधानमंत्री शेख हसीना की हत्या की साजिश रचने के आरोप में 14 आतंकियों को मौत की सजा सुनाई है। सभी दोषी प्रतिबंधित हरकत-उल-जिहाद बांग्लादेश (हूजी-बी) के सदस्य हैं।
इन आतंकियों ने 21 जुलाई 2000 को गोपालगंज के कोटलीपाड़ा स्थित एक मैदान के नजदीक 76 किलोग्राम विस्फोटक लगाया था। यहां शेख हसीना एक चुनाव रैली को संबोधित करने वाली थीं। पीएम का हेलिकॉप्टर उतरने से पहले ही सुरक्षा एजेंसियों को साजिश का पता चल गया था।
ढाका के स्पीडी ट्रायल कोर्ट के जज अबू जफर एम कमर कमरुज्जमां ने इस मामले में फैसला देते हुए कहा, मौत की सजा को एक फायरिंग स्क्वाड की ओर से अमल में लाया जायेगा, ताकि एक सन्देश दिया जा सके. जज अबू जफर एम कमर कमरुज्जमां ने कोर्ट से जेल लाये गए 9 दोषियों की मौजूदगी में यह फैसला सुनाया.
न्यायाधीश अबू जफर एम कमर कमरुज्जमां ने कहा कि बांग्लादेश के कानून के तहत मौत की सजा की अनिवार्य समीक्षा के बाद दोषियों को पहले से चली आ रही परंपरा के अनुसार मौत की सजा दी जा सकती है, जो उच्चतम न्यायालय के उच्च न्यायालय प्रभाग की मंजूरी के अधीन है.