कोरोना वायरस फैलाने वाले चीन को बचाने में लगा ये देश, WHO की क्लीनचिट पर जताई गहरी चिंता

आज से क़रीब एक साल पहले वैज्ञानिकों को कोविड-19 बीमारी फैलने वाले Sars-CoV-2 कोरोना वायरस के बारे में तब पता चला जब चीन के वुहान में कुछ लोगों के इससे संक्रमित होने की ख़बर आई.लेकिन एक नए शोध के अनुसार महामारी का कारण बना ये वायरस इससे कई सप्ताह पहले लोगों को संक्रमित कर चुका था.

अमेरिका ने शनिवार को कहा कि डब्ल्यूएचओ को कोरोना वायरस महामारी के शुरुआती दिनों के आंकड़ों की रिपोर्ट जारी करनी चाहिए। अमेरिका ने कहा कि चीन को कोविड-19 फैलने के प्रारंभिक दिनों से लेकर अब तक के आंकड़े विश्व को उपलब्ध कराना चाहिए ताकि महामारी के बारे में बेहतर अनुसंधान हो सके और आने वाले समय में हम ऐसी महामारी के प्रति सतर्क हो सकें।

चीन में कोरोना के स्रोत का पता लगाने पहुंची डब्ल्यूएचओं की टीम ने कहा कि वायरस के वुहान लैब से फैलने के सबूत नहीं है। वायरस किसी प्रजाति से इंसान में फैला है। इस पर चिंता जताते हुए व्हाइट हाउस ने डब्ल्यूएचओ से रिपोर्ट साझा करने की मांग की है।

अमेरिका के सेंटर्स फ़ॉर डीज़ीज़ कंट्रोल एंड प्रीवेन्शन (सीडीसी) के वैज्ञानिकों द्वारा किए गए इस शोध के नतीजों को क्लिनिकल इन्फ़ेक्शियस डीज़ीज़ नाम की पत्रिका में प्रकाशित किया गया है.

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