बिहार में बाढ़ से 41 की मौत, लाखों लोग संकट में

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पटना: नेपाल और बिहार में लगातार हुई भारी बारिश के कारण अचानक आई बाढ़ से राज्य में 41 लोगों की मौत हो गई है. बाढ़ से 12 जिलों में करीब 65.37 लाख आबादी प्रभावित है. आपदा प्रबंधन विभाग के प्रधान सचिव प्रत्यय अमृत ने बताया कि किशनगंज, अररिया, पूर्णिया, कटिहार, पूर्वी चंपारण, पश्चिमी चंपारण, दरभंगा, मधुबनी, सीतामढ़ी, शिवहर, सुपौल एवं मधेपुरा बाढ़ से प्रभावित हैं. अररिया में बाढ़ के कारण 21 लोगों की मौत हो गई है. सीतामढ़ी में 6, किशनगंज में 5, पूर्वी चंपारण, पश्चिमी चंपारण और दरभंगा में 3-3 और मधुबनी में एक व्यक्ति की मौत हुई है |

बाराबंकी में बांध टूटने और बैराजों से पानी छोड़े जाने के कारण गोंडा लखनऊ रोड पर घाघरा पुल से नीचे उफनाती घाघरा का पानी की स्पीड चालीस किलोमीटर से अधिक तेज बताई गई है। इसके कारण बाढ़ का संकट बढ़ रहा है। नेपाल से छोड़े गए पानी से घाघरा नदी अपने रौद्र रूप में आ गई है। मंगलवार को भोर मे एल्गिन चरसड़ी बांध कट गया। इससे बाराबंकी व गोण्डा जिले के आधा दर्जन से अधिक गांव डूब गए। भीषण तबाही की संभावना को देख प्रशासन ने एनडीआरएफ से मदद मांगी है।

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि ‘फ्लैश फ्लड’ के बाद जो नुकसान होता है, उसी तरह का नुकसान देखने को मिला है. मुख्यमंत्री ने कहा कि सबसे ज्यादा अररिया और किशनगंज का बड़ा हिस्सा, पूर्णिया के तीन ब्लॉक और कटिहार का एक ब्लॉक प्रभावित हुआ है. सबसे ज्यादा प्रभावित अररिया, फारबिसगंज तथा किशनगंज में पानी घुस गया है |

मुख्यमंत्री ने कहा कि कल ही केंद्र सरकार से एनडीआरएफ की टीम का आग्रह किया गया था. मैं केंद्र सरकार को धन्यवाद देता हूं कि जिस भी सहायता का हमने आग्रह किया था, बहुत जल्द ही सहायता मिल गई. एनडीआरएफ की चार टीम पहुंच गई है |

 

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