देश कोरोना महासंकट काल के बीच आज एक अत्यंत दुखद खबर सामने आई है कि, भाजपा के वरिष्ठ नेता ईमानदार छवि वाले पूर्व केंद्रीय मंत्री जसवंत सिंह का 82 साल की उम्र में इस दुनिया का अलविदा कह चले है। जसवंत सिंह जी के निधन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत तमाम नेताओं ने ट्वीट कर दुख जताया है।
1999 में जब प्लेन हाईजैक कर अफगानिस्तान के कंधार ले जाया गया तो तीन आतंकियों को छोड़ने की भारत सरकार से मांग की गई. ऐसे में अटल बिहारी वाजपेयी को सबसे भरोसेमंद और महत्वपूर्ण चेहरा जसवंत सिंह का ही नज़र आया. वो जसवंत सिंह ही थे जो मुश्ताक अहमद जरगर, अहमद उमर सईद शेख और मसूद अजहर को लेकर कंधार गए थे.
साल 1998 में जब परमाणु परीक्षण किया जा रहा था और अमेरिका भारत का विरोध कर रहा था और उसने देश पर कड़े प्रतिबंध लगाए थे. इस वक्त जसवंत सिंह ही वो मंत्री थे जिन्होंने अमेरिका से मामले को लेकर बातचीत की थी. कारगिल युद्ध के वक्त अटल सरकार के फैसलों में जसवंत सिंह की अहम भूमिका नज़र आती थी.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदीसवंत सिंह जी को राजनीति और समाज के मामलों पर उनके अनूठे दृष्टिकोण के लिए याद किया जाएगा. उन्होंने भाजपा को मजबूत बनाने में अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया.